निष्व चिकित्सा : गले की खराश, साइनस और चेहरे की सूजन को दूर करने की रामबाण आयुर्वेदिक विधि

परिचय 

आयुर्वेद हमेशा से ही प्राकृतिक और समग्र स्वास्थ्य समाधानों का खजाना रहा है। इसमें दवाइयों के साथ-साथ कुछ ऐसी अनूठी चिकित्सा पद्धतियाँ भी शामिल हैं, जो साधारण लगने वाले उपायों से गहरा असर दिखाती हैं। आज हम बात करने वाले हैं “निष्व चिकित्सा” की—एक ऐसी तकनीक जो गले, साइनस, और चेहरे की सूजन जैसी समस्याओं को जड़ से ठीक करने में मदद करती है। यह न सिर्फ आसान है, बल्कि इसके परिणाम हैरान कर देने वाले हैं !

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क्या है निष्व चिकित्सा?

निष्व चिकित्सा का मतलब है “कुल्ला करके श्लेष्मा (म्यूकस) को बाहर निकालना”। यह एक डिटॉक्स प्रक्रिया है, जिसमें मुंह और गले में जमे हुए कफ, बलगम, और अवरुद्ध श्लेष्मा को विशेष हर्बल मिश्रण की मदद से बाहर किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह तकनीक न सिर्फ श्वसन तंत्र को साफ करती है, बल्कि चेहरे की सूजन, सिरदर्द, और यहाँ तक कि मानसिक स्पष्टता को भी बढ़ाती है।


क्यों जरूरी है यह चिकित्सा?

आजकल प्रदूषण, गलत खानपान, और तनाव की वजह से ज्यादातर लोगों के गले और साइनस में कफ जमा हो जाता है। यह बलगम न सिर्फ सांस लेने में दिक्कत पैदा करता है, बल्कि चेहरे पर भारीपन, सुस्ती, और सिरदर्द जैसी समस्याओं को भी जन्म देता है। निष्क्रिय चिकित्सा इन्हीं जमा हुए विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकालकर राहत देती है।


कैसे तैयार करें निष्व चिकित्सा का मिश्रण ?

इसके लिए आपको चाहिए :

  1. अदरक का रस (आर्द्रक स्वरस) : 8-10 चम्मच (ताजा निचोड़ा हुआ)।
  2. सेंधा नमक : एक चुटकी।
  3. त्रिकटु चूर्ण : पिपली, काली मिर्च, और सोंठ का बराबर मात्रा में मिश्रण।

बनाने की विधि :

  • अदरक के रस में सेंधा नमक और त्रिकटु चूर्ण मिलाएं।
  • मिश्रण को इतना गाढ़ा रखें कि यह कंठ तक पहुँच सके, लेकिन निगलने में असुविधा न हो।

निष्व चिकित्सा करने का सही तरीका

  1. मुंह में मिश्रण भरें : लगभग 8-10 चम्मच मिश्रण मुंह में लें, इतना कि वह गले तक पहुँचे।
  2. घुमाएँ और गरारे करें : मिश्रण को 30 सेकंड तक मुंह में घुमाएँ। इस दौरान गले और मुंह के अंदरूनी हिस्सों से कफ को बाहर खींचने की कोशिश करें।
  3. थूक दें : मिश्रण को बाहर फेंक दें। आप देखेंगे कि साथ में गाढ़ा बलगम और अशुद्धियाँ भी निकल आई हैं।

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निष्व चिकित्सा के 5 बड़े फायदे

  1. गले की सफाई : जमा हुआ कफ निकल जाने से गला पूरी तरह साफ हो जाता है।
  2. साइनस राहत : नाक और साइनस में अटका म्यूकस बाहर आता है, जिससे सिर हल्का लगता है।
  3. चेहरे की सूजन कम : चेहरे के लसीका तंत्र (lymphatic system) की ब्लॉकेज दूर होती है, जिससे सूजन और भारीपन गायब हो जाता है।
  4. सांसों की ताजगी : मुंह के अंदर की गंदगी साफ होने से सांसें तरोताजा होती हैं।
  5. पाचन में सुधार : आयुर्वेद मानता है कि मुंह की सफाई पाचन शक्ति को भी मजबूत करती है।

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यह तकनीक कितनी पुरानी है ?

निष्व चिकित्सा का जिक्र आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों जैसे चरक संहिता और सुश्रुत संहिता में मिलता है। इनमें बताया गया है कि “आकंठ धार यस्य” (कंठ तक मिश्रण भरना) शरीर के अवरुद्ध चैनल्स को खोलने का सबसे प्रभावी तरीका है।


किसे सावधानी बरतनी चाहिए ?

  • गर्भवती महिलाएं और बच्चे इस चिकित्सा को विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।
  • अदरक के रस से एलर्जी वाले लोग शहद या गुनगुने पानी का विकल्प चुन सकते हैं।

आखिरी बात : प्रकृति का सरल उपचार

निष्व चिकित्सा उन चुनिंदा आयुर्वेदिक प्रक्रियाओं में से एक है, जो बिना दवाओं के शरीर की अंदरूनी सफाई करती है। यह न सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक हल्कापन भी देती है। अगर आपको बार-बार गले में खराश, साइनस, या चेहरे की सूजन की शिकायत रहती है, तो इस तकनीक को हफ्ते में दो बार जरूर आजमाएं। ध्यान रखें, आयुर्वेद की कोई भी चिकित्सा विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही शुरू करें!


स्वस्थ रहें, प्राकृतिक रहें !

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